➤ लाहौल घाटी में रोहतांग दर्रा व ऊंची चोटियों पर ताज़ी बर्फबारी, घाटी ने ओढ़ी सफेद चादर
➤ मंडी–बिलासपुर के कुछ क्षेत्रों में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी
➤ PWD ने बर्फबारी से निपटने के लिए 700 मशीनें और 30 हजार फील्ड कर्मचारी तैनात करने की तैयारी की
हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में लंबे अरसे बाद मौसम ने करवट बदली है। सोमवार सुबह रोहतांग दर्रा, कोकसर, ग्रांफू और चंद्रा घाटी सहित ऊंची चोटियों पर ताज़ी बर्फबारी दर्ज की गई। बर्फ के फाहे गिरते ही पूरी घाटी ने सफेद चादर ओढ़ ली है और क्षेत्र में शीतलहर तेज हो गई है।
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंडी और बिलासपुर जिले के कुछ इलाकों में घने कोहरे के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बिलासपुर के भाखड़ा बांध क्षेत्र और मंडी की बल्ह घाटी में देर रात व सुबह घना कोहरा छाने की संभावना है।
विभाग के अनुसार, आज ऊपरी और मध्यवर्ती क्षेत्रों में हल्की बारिश व बर्फबारी के आसार हैं। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला और उच्च पर्वतीय इलाकों में भी कहीं–कहीं हल्की बारिश या बर्फबारी दर्ज हो सकती है। अगले 3–4 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2–3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी, जबकि अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव अपेक्षित नहीं है।
इस बीच, आगामी बर्फबारी से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। शीतकालीन महीनों—विशेषकर दिसंबर अंत और जनवरी में—बर्फबारी की संभावना को देखते हुए विभाग ने 700 मशीनें तैनात रखने की योजना बनाई है। 30 हजार फील्ड कर्मचारी और मल्टी टास्क वर्करों की सेवाएं भी ली जाएंगी।
बर्फबारी के दौरान सबसे पहले राज्य मार्गों को बहाल किया जाएगा, उसके बाद जिला और संपर्क मार्ग खोले जाएंगे। चंबा, लाहौल–स्पीति, कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों में मार्ग बहाली के लिए विशेष टीमें गठित होंगी। विभाग मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा, जहां सड़कों की स्थिति की निरंतर जानकारी उपलब्ध रहेगी।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विभाग पूरी तैयारी में है और राज्य मार्गों को अवरुद्ध नहीं होने दिया जाएगा।



